आज से छः महीने पहले जब मैंने पहली नौकरी में , एक बैंक अधिकारी के रूप में ज्वाइन किया तो मुझे इस क्षेत्र के बारे में ज़रा कम ही पता था। यूँ तो बचपन से बैंकिंग सुविधाओं का प्रयोग करते हुये एक ग्राहक के रूप में बैंक को ढंग से देखा था पर एक बैंकर के रूप में जिंदगी के बारे में कभी सोचा भी नही था। नौकरी के लिए फॉर्म भरते वक्त भी बस परीक्षा देने पर ध्यान दिया ये दिमाग में कभी नही आया की चयन हुआ तो क्या होगा।
चयन के बाद एक दिन मैंने तय किया की नौकरी ज्वाइन करनी है । सबसे पहले दिमाग गया वेतन और पोस्टिंग की जगह पर। पोस्टिंग शुरुआत में अपने गृह अंचल में ही मिलनी थी और वेतन के बारे में कुछ पता नही चल पा रहा था। वो तो ट्रेनिंग में जाने के बाद पता लगा की बैंक अधिकारी का वेतन तो बहुत कम होता है और ब्रांच में जा कर पता चला की नौकरी कितनी कठिन होती है। नौकरी ज्वाइन करने के बाद वेतन को आधार बना कर और काम की कठिनाई को सोच कर नौकरी छोड़ने का विचार मुझे बहुत हेय सा लगा ।
वास्तव में आर्थिक सुधारों के बाद से राष्ट्रीयकृत बैंकों में बड़ा भारी परिवर्तन aआया है। निजी बैंकों के साथ स्पर्धा ने , वित्तीय समावेशन की प्रतिबद्धता ने और नई तकनीकी नेकाफी परिवर्तन किए हैं।
इस ब्लॉग में मै समय समय पर ऐसे परिवर्तनों की चर्चा के साथ साथ अपने निजी अनुभवों को आप सबसे बांटना चाहता हूँ। साथ ही बैंकिंग के बारे में अपनी समझ को यहाँ रखने की कोशिश रहेगी जिससे आप उसका फायदा उठा सकें ।
अभी रात ज्यादा हो चुकी है शेष कल!
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u r welcome
ReplyDeleteबधाई। ब्लॉगजगत में स्वागत।
ReplyDeleteWelcome to the world of blogs. Eagerly waiting for your experiences as Banker....
ReplyDeleteWelcome in the world of thought communication.
ReplyDeleteTo know more our system visit Bhagyodayorganic.blogspot.com
आपका स्वागत है...
ReplyDeleteहुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं......
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं।
www.samwaadghar.blogspot.com
स्वागत है बलोग जगत में ।
ReplyDeleteswagat hai, main bhi banker hun 32 years ki service. aapko padhta rahunga.
ReplyDeleteआप आये बहार आयी .......
ReplyDeleteकुछ नया ही दे के जाइयेगा
ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
ReplyDeletepls visit....
www.dweepanter.blogspot.com